Agriculture Budget 2023: किसानों के लिए लोन हुआ सस्ता, बजट में सरकार ने बढ़ाया टारगेट
Agriculture Budget 2023: कृषि ऋण के लक्ष्य को केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 11% बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की बुधवार...

Agriculture Budget 2023: कृषि ऋण के लक्ष्य को केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 11% बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की बुधवार को घोषणा की. इसके तहत डेयरी,पशुपालन और मछली पालन पर खास जोर दिया जाएगा. कृषक समुदाय को इसके पीछे सरकार का उद्देश्य रियायती दरों पर ज्यादा कृषि ऋण मुहैया कराना है.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने इसका ऐलान किया. उन्होंने कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए अन्य बड़े ऐलान करते हुए कहा कि सरकार एक नई उप-योजना प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) शुरू करेगी, जिसमें सप्लाई चेन को अच्छा बनाने और मछली के बाजार का विस्तार करने पर 6,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट किया जाएगा.
10 हजार बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर बनेंगे: Agriculture Budget 2023
उन्होंने कहा कि समुद्री प्रोडक्ट्स के निर्यात कार्य को बढ़ावा देने के लिए झींगा फीड के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग में जरूरी सामग्रियों पर कस्टम ड्यूटी भी घटाई जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि नेचुरल फार्मिंग को अपनाने के लिए सरकार एक करोड़ किसानों को तैयार करेगी. राष्ट्रीय स्तर पर इसके साथ ही सरकार वितरित सूक्ष्म उर्वरक (Distributed Micro Fertilizer) एवं कीटनाशक विनिर्माण (Pesticide Manufacturing) नेटवर्क तैयार करने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर भी बनाएगी.
PM-प्रणाम योजना
इसके अलावा वैकल्पिक उर्वरकों (Alternative Fertilizers) को बढ़ावा देने एवं रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) के संतुलित इस्तेमाल के लिए राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को PM-प्रणाम योजना (PM PRANAM) के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा.
सरकार एक आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम भी शुरू करेगी, जो उच्च मूल्य वाली बागवानी की फसलों के लिए बीमारियों से मुक्त व क्वालिटी प्लांटेशन सामग्रियों की सुलभता को बढ़ाएगा. 2,200 करोड़ रुपये का इसके लिए प्रावधान किया गया है.किसान केंद्रित समावेशी समाधान मुहैया कराने के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार की जाएगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्री स्टार्टअप्स के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक एग्रीकल्चर एक्सीलेरेटर फंड बनाएगी.वित्त मंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों यानी श्री अन्न के मामले में भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर समर्थन प्रदान किया जाएगा.
आपको बता दें कि भारत पहले ही मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादन का और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. देश में ज्वार, रामदाना, रागी, कुट्टू, बाजरा, कोदो, कांगनी, कुटकी, चीना और सामा जैसे कई मोटे अनाजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है.