Asaram: आसाराम को ACP चंचल की मिली धमकी, गेट खोलो नहीं तो तोड़ दूंगी!
Asaram: एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन तीन बलत्कार के केस में दोषी रहे आसाराम की कैसी हालत हुई थी जब पहली बार उसे गिरफ्तार किया गया...

Asaram: एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन तीन बलत्कार के केस में दोषी रहे आसाराम की कैसी हालत हुई थी जब पहली बार उसे गिरफ्तार किया गया था। एक महिला ACP ने उसके दरवाजे पर लात मारकर आसाराम को धमकी दे डाली आशाराम दरवाजा खोल दे वरना मैं दरवाजा तोड़ दूँगी…. बात कर रहे है ACP चंचल मिश्रा और आसाराम के गीदड़ भपकीयो की किस तरीके से बलात्कारी बाबा ने गिरफ्तारी मंजूर की. बात करने जा रहे है बलात्कारी बाबा आशाराम की जिसने समाज के संतो पर एक गलत असर डाला है.
81 साल के आसाराम को गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने एक और महिला से रेप के आरोप में दोषी करार दिया है: Asaram
81 साल के आसाराम को गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने एक और महिला से रेप के आरोप में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। 4 साल पहले भी जोधपुर कोर्ट ने UP की एक नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से वह जोधपुर की जेल में बंद है। आसाराम को गिरफ्तार करना बेहद मुश्किल टास्क था। गिरफ्तारी के बाद ही आसाराम के तमाम कारनामों से पर्दा उठना शुरु हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 21 अगस्त 2013 से यह पूरा सिलसिला शुरू हुआ। जोधपुर वेस्ट के डिप्टी कमिश्नर अजय लांबा के ऑफिस में दिल्ली पुलिस की एक टीम दाखिल हुई। टीम के साथ एक नाबालिग लड़की थी, जो आसाराम पर रेप करने का आरोप लगा रही थी। लड़की ने बताया कि मनई गांव में स्थित आश्रम ने 15 अगस्त की रात को उसका रेप किया।
लड़की ने बताई सारी कहानी
जब लड़की अपनी घटना सबको बता रही थी तब किसी ने भी उस पर भरोसा नहीं किया,,, लेकिन लड़की आश्रम के हर हिस्से के बारे में जब बताने लगी तो लांबा यानि (डिप्टी कमिश्नर अजय) के सामने क्राइम सीन क्रिएट होने लगा। उनके मन में सवाल उठा कि जोधपुर से 38 किलोमीटर दूर स्थित आश्रम पर गए बिना कोई कैसे उसके बारे में इतने अच्छे से जान सकता है?
इसके बाद जोधपुर पुलिस आसाराम के खिलाफ CRPC की धारा 342, 376, 354 (A), 506, 509 व 134 के तहत पोक्सो की धारा 8 व JJA की धारा 23, 26 में केस दर्ज करती है। IPS अजय लांबा ने जोधपुर वेस्ट की ACP चंचल मिश्रा को कॉल किया और उन्हें इस केस का इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर बना दिया।
इसके बाद केस की जांच शुरू हुई। लड़की का मेडिकल कराया, उसके बयान दर्ज किए। आखिर में बयानों को वेरीफाई किया गया। जब ये पूरी तरह से साफ हो गया कि आसाराम ने लड़की का रेप किया है तब पूछताछ के लिए आसाराम को अरेस्ट करने का फैसला लिया गया। 27 अगस्त को समन भेजकर उसे 30 अगस्त को जोधपुर में गिरफ्तारी देने के लिए कहा गया था, लेकिन तय तारीख को आसाराम वहां नहीं पहुंचा।
पुलिस ने खुद आश्रम जाकर आसाराम को गिरफ्तार करना सही समझा और इसी के साथ शुरू हुई पुलिस की असल चुनौती….
ACP चंचल के मुताबिक:Asaram
ACP चंचल के मुताबिक आसाराम बार-बार लोकेशन चेंज करता रहा रहा। अचानक पुलिस को उसके इंदौर में होने की जानकारी मिली। चंचल मिश्रा के साथ 5 अधिकारियों की टीम फौरन राजस्थान से इंदौर के लिए रवाना हो गई। इसके आगे की कहानी acp चंचल मिश्रा के ही शब्दो में सुनना रोचक होगा सुनिए हमारी को एंकर माही की जुबानी
जब हम इंदौर पहुंचे तो MP पुलिस आश्रम के चारों तरफ तैनात थी। आसाराम की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी हम पांच लोगों पर थी। अंदर पहुंचे तो वहां आसाराम का प्रवचन चल रहा था। सामने करीब 4 हजार भक्त बैठे थे।
हमें देखते ही आसाराम ने मंच से अपने भक्तों को उकसाना शुरू कर दिया। उसने कहा-
‘देखो ये लोग आ गए हैं। ये लोग हमें अरेस्ट करके ले जाना चाहते हैं। क्या आप मुझे ले जाने दोगे?’
इस सवाल के जवाब में भीड़ चिल्ला कर कह रही थी कि नहीं बाबा नहीं ले जाने देंगे। भक्तों की ये भीड़ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। आसाराम के नाम का जयघोष हो रहा था। आसाराम का बेटा भी भीड़ को मंच से उकसा रहा था।
भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। प्राइवेट प्लेस होने की वजह से पुलिस आश्रम में आने वाले भक्तों को कानूनी तौर पर रोक नहीं सकती थी। सुबह से शाम हो गई, लेकिन अब तक आसाराम पुलिस अधिकारियों से नहीं मिला था। आखिरकार शाम में उसका बेटा नारायण साईं पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए तैयार हुआ। हमने नारायण साईं को समझाया कि उसके पिता को हर हाल में गिरफ्तारी देनी ही होगी, लेकिन वह नहीं माना।
रात होते ही आसाराम अपनी कुटिया में चले गए
रात होते ही अपनी कुटिया में आसाराम चले गए, जहां वह आराम करता था। कई कमरे यहां एक जैसे थे। उस कमरे को बड़ी मुश्किल से हम खोज पाए, वह जहां मौजूद था। इस कमरे को भी भक्तों ने चारों ओर से घेर रखा था।
सिंधी भाषा में कमरे के अंदर आसाराम अपने बेटे से कुछ बोल कर उस पर चिल्ला रहा था। राजस्थान पुलिस के एक अधिकारी को खिड़की के पास खड़े सिंधी भाषा आती थी। बाप-बेटे की बातचीत को ऐसे में वह समझ गया। सिंधी भाषा में आसाराम अपने बेटे से कह रहा था कि- और लोगों को बुलाओ…जल्दी बुलाओ।
जैसे ही मुझे ये बात पता चली, आसाराम की चाल मैं समझ गई। रात के डेढ़ बज गए मैंने घड़ी देखा तो। किसी तरह सुबह हो जाए आसाराम चाहता था। उग्र प्रदर्शन कराकर फिर वह देशभर में भक्तों का गिरफ्तारी से बच जाएगा।
अगले 10 मिनट में मैंने अपने सीनियर अधिकारियों से बात करके आसाराम को गिरफ्तार करने का फैसला लिया।
इसके बाद मैंने कहा: आसाराम गेट खोल दो..
अंदर से आसाराम की आवाज आती है: मुझे छोड़ दो वरना मैं खुदकुशी कर लूंगा..
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने गेट पर पैर मारकर कहा- ‘आसाराम दरवाजा खोल दो नहीं तो मैं तोड़ दूंगी।’
Asaram: आसाराम पुलिस के गुस्से को शायद भांप गया था
आसाराम पुलिस के गुस्से को शायद भांप गया था। बाकी गेट खुलवाने का प्रयास अधिकारी भी अपने तरीके से कर रहे थे। आसाराम सुबह से नखरे करने वाला अब पुलिस अधिकारियों के सामने पस्त हो गया था। आखिरकार डरकर वह दरवाजा खोल देता है। आसाराम को बिना देर किए हमने गिरफ्तार कर लिया।
आसाराम गिरफ्तार होने के बाद भी पुलिस के साथ चलने को तैयार नहीं था। अपनी ताकत वह हमें बताकर डराने की कोशिश करने लगा। उग्र भीड़ बाहर पुलिस की गाड़ी को घेर लेती है।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वहां मौजूद पुलिस हल्का बल प्रयोग करती है। हजारों भक्त सभी गेटों के सामने जमीन पर लेटे होते हैं। एक दीवार तोड़कर फाइनली हम लोग बाहर निकले। किसी तरह हम लोग आसाराम को लेकर इसके बाद इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से उसे जोधपुर लेकर गए।
आसाराम की गिरफ्तारी बिना हिंसा के शांति से हमारी टीम के लिए एक बड़ी सफलता की बात थी। सभी की गिरफ्तारी के दौरान संत रामपाल हो या राम रहीम भारी हिंसा हुई थी। केंद्रीय पुलिस तक को कई जगहों पर बुलाना पड़ा था। हमारी टीम की तैयारी इतनी मजबूत थी कि हमने आसानी से मिशन को अंजाम दिया।
‘जान से मारने की धमकी भक्त फोन कर देते थे’
इस केस को सॉल्व करना हमारी टीम के लिए इतना आसान नहीं था। धमकियों का हमें हर रोज फोन पर सामना करना होता था। हमारे पास एक ऐसे शख्स का केस है हम सभी को मालूम था कि, दुनिया में जिसके देश और करोड़ों फॉलोअर्स हैं। जो सीधे देश के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं।
बिना किसी डर के इसके बावजूद मैं और दूसरे अधिकारी जांच कर रहे थे। सीनियर अधिकारियों का हमें इसकी एक वजह यह भी थी कि सपोर्ट था। सिर्फ मुझे ही नहीं इस केस के इंचार्ज अजय लांबा सर को धमकी भरे कॉल आते थे। हालांकि, गुजरात की दो बहनों ने गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही आसाराम के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया था।
आखिरकार हमारी जांच रिपोर्ट पर 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। उम्रकैद की सजा इस केस में आसाराम को सुनाई गई।