Kanjhawala Case: कंझावला केस में बड़ा एक्शन, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड, लापरवाही बरतने का आरोप
Kanjhawala Case: बड़ा एक्शन दिल्ली के कंझावला केस में लिया गया है. रोहिणी जिले के 11 पुलिसकर्मियों को गृह मंत्रालय के निर्देश...

Kanjhawala Case: बड़ा एक्शन दिल्ली के कंझावला केस में लिया गया है. रोहिणी जिले के 11 पुलिसकर्मियों को गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सस्पेंड कर दिया गया है. सस्पेंड किये गए पुलिसकर्मी में चार हेड कांस्टेबल, दो इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर,और एक कांस्टेबल शामिल हैं. 6 की तैनाती इनमें से PCR पर थी, 5 पुलिसकर्मी जबकि पिकेट पर तैनात थे जब कार से युवती को घसीटे जाने की घटना को अंजाम दिया गया था. बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंंत्रालय ने काम में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के लिए आदेश दिये थे.
जल्द से जल्द चार्जशीट फाइल करने के निर्देश: Kanjhawala Case
गृह मंत्रालय ने इससे साथ-साथ दिल्ली पुलिस को PCR वैन, जांच चौकी के ऑब्जरवेशन अधिकारियों को अपना कर्तव्य न निभाने में असफल रहने के लिए रीज़न बताओ नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया था. विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली इन्वेस्टीगेशन कमिटी द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह कार्यवाही की गई है. दिल्ली पुलिस को गृह मंत्रालय ने मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है ताकि दोषियों को सजा जल्द से जल्द मिल सके.
सड़क पर युवती को घसीटते रहे आरोपी
बता दें कि नए साल वाली रात को जब सब नई ईयर मना रहे थे तब दिन तड़के एक युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी. युवती इसके बाद कार में फंस गई आरोपी करीब 12 किलामीटर तक गाड़ी के नीचे आयी युवती को घसीटते रहे, जिससे उसकी उसी टाइम मौत हो गई. मामले में कार सवार 5 लोगों के साथ ही उनके कई साथियों को भी अरेस्ट किया गया है.
आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज: Kanjhawala Case
आरोपी आशुतोष भारद्वाज की एक दिन पहले ही दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला केस में जमानत अर्जी खारिज कर दी. सान्या दलाल मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि अपराधों की गंभीरता को देखते हुए, जांच प्रारंभिक स्तर पर होने के फैक्ट पर विचार करते हुए अदालत जमानत देने की पक्षधर नहीं है. अतुल श्रीवास्तव अतिरिक्त सरकारी अभियोजक ने आरोप लगाया कि भारद्वाज ने यह कहकर जांच में बढ़ा डालने का प्रयास किया कि सह-आरोपी दीपक कार चला रहा था. उन्होंने कहा, बाद में पता चलना और जानकारी होना, दोनों में डिफरेंस की एक बारीक रेखा है. हम मामले में इन्वेस्टीगेशन कर रहे हैं. भारद्वाज आजाद था जब उसने जांच को भटकाने की कोशिश की. भविष्य में भी वह फिर से गुमराह कर सकता है.