Earthquake Alert: वैज्ञानिक की चेतावनी, कहा- ‘GPS पॉइंट हिल रहे हैं,उत्तराखंड में कभी भी आ सकता है भूकंप!
Earthquake Alert: हजारों लोगों की जान तुर्किए में आए भूकंप से चली गयी है. लाखों लोग बेघर हो गए और करीब इतने ही लोग घायल भी हुए....

Earthquake Alert: हजारों लोगों की जान तुर्किए में आए भूकंप से चली गयी है. लाखों लोग बेघर हो गए और करीब इतने ही लोग घायल भी हुए. बीते कई दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है. इस सबके बीच, भारत के राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) के मुख्य वैज्ञानिक ने उत्तराखंड में भी तुर्किए के जैसे भूकंप आने की चेतावनी दी है. उत्तराखंड में भी उनका कहना है कि तुक्रिए जैसी तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया को डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने बताया कि सतह के नीचे उत्तराखंड क्षेत्र में बहुत तनाव पैदा हो रहा है और एक भूकंप का आना तनाव को दूर करने के लिए अनिवार्य हो जाता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्यवाणी भूकंप की तारीख और समय की नहीं की जा सकती.
‘जीपीएस पॉइंट हिल रहे हैं: Earthquake Alert
उन्होंने कहा, “हमने उत्तराखंड पर केंद्रित हिमालयी क्षेत्र में करीब 80 भूकंपीय स्टेशन स्थापित किए हैं. स्थिति की हम वास्तविक समय में निगरानी कर रहे हैं. हमारा डेटा दिखाता है कि तनाव काफी समय से इक्कट्ठा हो रहा है. क्षेत्र में हमारे पास जीपीएस नेटवर्क है. जीपीएस पॉइंट हिल रहे हैं, जो सतह के नीचे होने वाले उथल पुथल का संकेत दे रहे हैं.”
भारी भूकंप उत्तराखंड में भी आ सकता है
डॉ. राव ने कहा कि पृथ्वी के साथ क्या हो रहा है, यह निर्धारित करने के लिए वेरियोमेट्रिक जीपीएस डाटा प्रोसेसिंग विश्वसनीय तरीकों में से एक है. बता दें कि वेरियोमीटर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भिन्नता को मापते हैं. राव ने ये भी कहा, “हम सही समय और तारीख की कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते, लेकिन कभी भी उत्तराखंड में भारी भूकंप आ सकता है.”
8 और उससे अधिक तीव्रता के भूकंपों को “ग्रेट अर्थक्वैक” कहा जाता है. डॉ. राव ने कहा कि 7.8 तीव्रता वाला भूकंप तुर्किए में आया था. उन्होंने कहा, इसे तकनीकी रूप से एक बड़ा भूकंप नहीं कहा जा सकता है, लेकिन तुर्किए में खराब गुणवत्ता वाले निर्माण और कई वजहों से तबाही बहुत अधिक थी.”
Earthquake Alert Uttrakhand: 8 से अधिक तीव्रता वाला भूकंप
उन्होंने कहा कि 8 से अधिक हिमालयी क्षेत्र में तीव्रता का भूकंप आने की संभावना है. ये क्षेत्र जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है. उन्होंने कहा, हानि जनसंख्या घनत्व, पहाड़ों या मैदानों, इमारतों पर हुए निर्माण की गुणवत्ता पर निर्भर करता है. यह भूकंप तीव्रता के मामले में भूकंप तुर्किए जैसा या उससे अधिक भी हो सकता है.