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Gautam Adani: जानिए अडानी के सिर पर कितना बड़ा बोझ

Gautam Adani: संसद में बजट सत्र का आज चौथा दिन है। आज एक बार फिर से अदाणी मामले पर दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा...

Gautam Adani: बजट सत्र का संसद में आज चौथा दिन है। अदाणी मामले पर आज एक बार फिर से दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके अलावा आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई।

विपक्षी दल चाहते हैं कि जो स्टॉक मार्केट गिर रहे हैं उसपर चर्चा हो: Gautam Adani

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि विपक्षी दल चाहते हैं कि जो स्टॉक मार्केट गिर रहे हैं उसपर चर्चा हो, जनता का पैसा LIC और अन्य सरकारी संस्थानों में है। उन्होंने चीन, महंगाई, बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं होने दी। जिस भी मुद्दे पर उन्हें लगता है कि वे शर्मिंदा होंगे उस पर चर्चा नहीं होने देते। शुक्रवार को 16 विपक्षी दलों ने संसद में अपनी रणनीति को पर काम करने के लिए बैठक की और अदाणी स्टॉक रूट के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए सरकार पर तेज हमला करने का फैसला किया है इस बैठक के एक दिन बाद उन्होंने एकजुट होकर इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आरोपो पर अपनी सहमति जताई और गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को ठप कर दिया। विभिन्न विपक्षी दलों ने संसद में इस पर चर्चा की मांग करते हुए अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति जांच या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी वाली समिति की जांच की मांग की है।

दशकों से स्टॉक में हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंट्स में धोखाधड़ी जैसा आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में समूह पर “दशकों से स्टॉक में हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंट्स में धोखाधड़ी जैसा आरोप लगाया। खुद का बचाव करते हुए, अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को “दुर्भावनापूर्ण रूप से शरारती और अनसुलझा” कहा, जिसने अडानी समूह, उसके शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। 106 पेज की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के 413 पेज के जवाब में, अडानी समूह ने कहा था कि “यह केवल किसी कंपनी मात्र पर एक अवांछित हमला नहीं है बल्कि भारत, स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता पर एक सोचा-समझा हमला है। इसके अलावा भारतीय संस्थानों और भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षा पर भी हमला करार दिया था ।

हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज का मुद्दा भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया, जिसकी रिपोर्ट के कारण शेयर बाजार में अदानी समूह के शेयरों के मूल्य में भारी गिरावट आई। शॉर्ट सेलर और उसके सहयोगियों के खिलाफ “लाखों निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने” के लिए जांच कराने के लिए बाजार नियामक Securities and Exchange Board of India सेबी के साथ भी याचिका दायर की गई है।

Hindenburg Research ने “जानबूझकर”ऐसे समय में अदानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी की है: Gautam Adani

जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म और इसके संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच की मांग की है। शर्मा ने यह भी कहा कि याचिका में दावा किया गया है कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने “जानबूझकर”ऐसे समय में अदानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी की है जब अडानी समूह अपने 20,000 करोड़ रुपये के FPO से ठीक पहले। शर्मा ने कहा कि निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और जुर्माना लगाने के लिए मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि शॉर्ट सेलर उन निवेशकों को मुआवजा दे, जिन्हें पिछले छह सत्रों में शेयर बाजार में भारी नुकसान हुआ है।

अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर दिसंबर में केवल 31 ट्रेडिंग सत्रों में अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 76 प्रतिशत गिर गए हैं, जो कि बाजार में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के समूह पर आरोप लगाने वाली रिपोर्ट के कारण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह “कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी ठगी” का नेतृत्व कर रहा है।

21 दिसंबर, 2022 को 4,189.55 रुपये के अपने सर्वकालिक शिखर को छूने वाला स्टॉक शुक्रवार, 3 फरवरी को 52 सप्ताह के निचले स्तर 1,017.10 रुपये पर आ गया, जो अपने उच्चतम स्तर से 75.72 प्रतिशत गिर गया। अडानी एंटरप्राइजेज को मार्केट कैप में 2.88 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 21 दिसंबर, 2022 को फर्म का मार्केट कैप (व्यापार के अंत में) 4.45 लाख करोड़ रुपये था।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच से अदाणी समूह को एक राहतभरी खबर

अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच से अदाणी समूह को एक राहतभरी खबर मिली है। फिच के अनुसार अदानी समूह के संपत्तियों की रेटिंग पर रिपोर्ट के बाद फिलहाल कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। रेटिंग एजेंसी ने साफ किया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अदाणी समूह के क्रेडिट प्रोफाइल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बता दें कि अदाणी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह ने अपने एफपीओ को वापस ले लिया था। उसके बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखी थी। फिच ने कहा है कि हम लगातार हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

हालिया घटनाक्रम का ग्रुप के कैश फ्लो पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ा है। हम समूह की वित्तीय स्थिति और अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। फिच को उम्मीद है कि अदाणी समूह के नकदी प्रवाह के पूर्वानुमान में कोई बड़ा बदलाव फिलहाल नहीं दिख रहा है
दूसरी ओर मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज (Moody’s Investors Service) ने भी शुक्रवार को कहा है कि वह अदाणी समूह की लिक्विडिटी पोजिशन और वित्तीय उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए हुए है। मूडीज ने कहा है कि वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में जारी गिरावट पर नजर रख रही है। मूडीज के अनुसार हालिया घटनाक्रम समूह पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं और इससे आने वाले एक-दो वर्षों में समूह की कर्ज लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

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