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Kanpur Dehat: क्या पुलिस वालों ने लगाई झोपड़ी में आग?, दुर्घटना, लापरवाही, या फिर हत्या.

Kanpur Dehat: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान लगे आग में एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई है...

Kanpur Dehat: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान लगे आग में एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई है इस घटना का वीडियो वायरल है प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा की मौत को अठारह घंटे बीत चुके हैं।

महिला के परिवार वालो ने कहा है कि: Kanpur Dehat

जले हुए शरीर अभी भी उनकी झोपड़ी में पड़े हैं, जो कि जलकर मांस के लोथ में तब्दील हो गए है घटना का दृश्य इतना भयानक है कि इसे देखकर किसी के भी जी सिहर उठे। महिला के परिवार वालो ने कहा है कि जबतक मामले में दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तबतक अधजली शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा । इस मामले में जिला पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि मां बेटी ने खुद को आग लगा ली थी।

लेकिन जब इस मामले का वीडियों वायरल होने लगा जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि आग लगते समय भी महिला अपने झोपडी में बिना घायल हुई खडी थी और लगातार घर खाली न करने के लिए शोर मचा रही थी लेकिन पुलिस विभाग के लोगो ने इस बात की जहमत उठाना भी उचित नहीं समझा और बुल्डोजर द्वारा झोपडी को गिरा दिया गया जिससे तुरंत ही झोपडी में आग लग गई । देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाया, लेकिन परिजन नहीं माने। मंगलवार सुबह उच्चाधिकारी फिर से परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। परिजन पांच करोड़, सरकारी नौकरी और दोनो बेटों के लिए आवास की मांग पर अड़े हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है , जिसमें पूरा सच नजर आ रहा है

जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। अतिक्रमण हटाने के दौरान का आया वीडियो देखकर लोगों का दिल दहल रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है , जिसमें पूरा सच नजर आ रहा है। इस वीडियो में प्रमिला और उसकी बेटी शिवा जलती हुई झोपड़ी के अंदर सही सलामत मौजूद दिख रही है। जबकि, गेट के बाहर पुलिस प्रशासन दल-बल के साथ खड़ा नजर आ रहा है।
जैसे ही झोपड़ी पर बुलडोजर चलाना शुरू होता है तो प्रमिला बाहर से चिल्लाते हुए झोपड़ी के अंदर आते दिखी। इसके बाद जान देने की बात कहते हुए उसने अंदर से गेट बंद कर लिया। यह देखकर कुछ महिला सिपाही गेट के पास पहुंचीं और धक्का मारकर गेट खोल दिया। गेट खुलते ही अंदर रही प्रमिला चिल्लाते हुए सुनाई दे रही है कि इन लोगों ने आग लगा दी…। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना कानपुर देहात के मडौली गांव में उस समय हुई जब पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी ग्राम समाज का सरकारी जमीन से कब्जा हटाने गये थे जिसमें कृष्ण गोपाल दीक्षित का परिवार रहता था . इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंचे और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी ।

Kanpur Dehat: जब लोग अंदर थे तब उन्होंने आग लगा दी

प्रमिला के बेटे ने कहा, “जब लोग अंदर थे तब उन्होंने आग लगा दी। हम बस भागने में सफल रहे। उन्होंने हमारे मंदिर को तोड़ दिया। किसी ने भी कुछ नहीं किया, यहां तक कि डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) भी नहीं। हर कोई भागा, कोई मेरी मां को नहीं बचा सका।” शिवम दीक्षित। जिला पुलिस प्रमुख BBGTS मूर्ति ने कल कहा, “हमें जो पता चला है, उससे एक महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया और आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई।”संभागीय आयुक्त राज शेखर ने बाद में कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम परिवार के साथ हैं। हम जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शेंगे।”

इस दुखद घटना को लेकर विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के शासन में ब्राह्मणों को निशाना बनाया जा रहा है. योगी (आदित्यनाथ) सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचारों के निशाने पर हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है अखिलेश ने ट्वीट में कहा है कि —-योगी जी आपके जल्लाद और बेरहम तथा अमानवीय प्रशासन द्वारा की गई ये हत्या है योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाए जा रहे लगातार चुन चुन कर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रहीं, दलित पिछड़ा के साथ साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे

राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा

कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में “तानाशाही अपने चरम पर है” “कानपुर में, एक ब्राह्मण परिवार का मंदिर तोड़ा गया, उनके घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया। परिवार अधिकारियों से गुहार लगाता रहा, लेकिन वे नहीं माने सुना। निराश होकर महिलाओं ने खुद को आग लगा ली और मर गईं। योगी के बुलडोजर नीति ने दो लोगों की जान ले ली,

इस बीच राज्य पुलिस ने आज अनुविभागीय मजिस्ट्रेट, स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी और बुलडोजर ऑपरेटर सहित 13 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। उन पर हत्या के प्रयास और जानबूझकर चोट पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। ज्ञानेश्वर प्रसाद एस डी एम मैंथा के ऊपर भी 302,307,436,429,323 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ।

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