आसनसोल रेलवे जंक्शन पर सुरु हुआ m-uts टिकट सुविधा

Asansol junction

आसनसोल स्टेशन पर यात्रियों के लिए नया दौर: मोबाइल अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम की शुरुआत

भारतीय रेलवे की यात्री सुविधाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल ने मोबाइल अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (M-UTS) की शुरुआत की है। इस नए सिस्टम का उद्देश्य यात्रियों को टिकट खरीदने की प्रक्रिया में अधिक सहजता और तेजी प्रदान करना है, जिससे स्टेशन पर भीड़ कम हो और यात्रियों का बहुमूल्य समय बच सके।

रेलवे ने 1 मई, 2025 को इस आधुनिक प्रणाली का आसनसोल स्टेशन पर औपचारिक शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत, अब रेलवे कर्मचारी स्टेशन परिसर के किसी भी स्थान से अनारक्षित टिकट जारी कर सकते हैं, जिससे यात्रियों को टिकट काउंटरों पर लंबी कतार में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह पहल परंपरागत टिकटिंग प्रणाली में लचीलापन और गति जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।

रेलवे प्रशासन ने बुकिंग कार्यालय के सामने स्थित द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय में एम-यूटीएस के जरिए टिकट बिक्री शुरू की है। यह स्थान विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए चुना गया है जो जल्दबाजी में यात्रा कर रहे हैं और टिकट खरीदने में समय बर्बाद नहीं करना चाहते। नई प्रणाली से यात्रियों को त्वरित टिकटिंग का अनुभव मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और सुविधाजनक होगी।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एम-यूटीएस की मदद से अनारक्षित टिकटों की उपलब्धता में तेजी आएगी, जिससे यात्रियों को कतार में खड़े रहने की परेशानी से बचाया जा सकेगा। रेलवे प्रशासन यात्रियों से इस नई सेवा का अधिकतम लाभ उठाने की अपील कर रहा है। इसके माध्यम से भारतीय रेलवे यात्रा को और सुरक्षित, सुविधाजनक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

इस पहल से रेलवे यात्री सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। यात्रियों को आसानी से टिकट प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें लंबी प्रतीक्षा और अव्यवस्था से बचाया जा सकेगा। भारतीय रेलवे अपने संकल्प के तहत यात्री सुविधाओं में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है, और एम-यूटीएस प्रणाली इसी दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव साबित हो सकती है।

इस नई प्रणाली से टिकट खरीदने की प्रक्रिया में आधुनिकता, सहजता और सरलता आएगी, जिससे यात्रियों का यात्रा अनुभव पहले से अधिक सुविधाजनक और बेहतर होगा। अब देखना यह होगा कि यात्रियों द्वारा इस नई सुविधा को कैसे अपनाया जाता है और इसका प्रभाव रेलवे टिकटिंग प्रणाली पर कैसा पड़ता है।