Manish Kashyap: चुनाव भी लड़ चुके हैं मनीष कश्यप, क्या है सन ऑफ़ बिहार की कहानी? आइये जानते हैं..
Manish Kashyap: बिहारी मजदूरों के साथ तमिलनाडु में मारपीट हुई या नहीं, बिहार में कुछ दिनों से इस पर बवाल मचा हुआ है. टीवी चैनलों...

Manish Kashyap: बिहारी मजदूरों के साथ तमिलनाडु में मारपीट हुई या नहीं, बिहार में कुछ दिनों से इस पर बवाल मचा हुआ है. टीवी चैनलों, अख़बारों पर बिहारी मजदूरों की पिटाई की खबरें चलीं तो नीतीश सरकार एक्शन में आई. अधिकारियों की टीमें जांच में लग गईं. बिहार के इस यूट्यूबर सहित 6 मार्च को 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो गई.
तमिलनाडु में मनीष कश्यप ने बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ कथित दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था जो बहुत तेजी से वायरल हो गया. तेजस्वी यादव को मनीष कश्यप 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए भी चैलेंज कर रहे हैं.
क्या है मनीष कश्यप कहानी: Manish Kashyap
मनीष कश्यप आक्रोशित वीडियो बनाने वाले चुनाव भी लड़ चुके हैं. क्या है उनकी कहानी? आइये जानते हैं,,
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव का है. खुद को ‘सन ऑफ़ बिहार’ (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखने वाले मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो ‘मनीष कश्यप’ लगाते हैं.
शुरुआती शिक्षा मनीष की गांव से ही हुई है. 12वीं पास साल उन्होंने 2009 में की. बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरी हुई. मनीष कश्यप ने साल 2016 में पुणे की सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी (Savitri Bai Phule University) से सिविल इंजीनियरिंग में B.E. की डिग्री प्राप्त की है. और इस डिग्री को लेने के दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर पत्रकारिता में कूद पड़े.
मनीष कश्यप को रिपोर्टिंग के साथ-साथ राजनीति का शौक भी चढ़ गया. त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था. चुनाव आयोग को नामांकन के समय दिए हलफनामे में उन्होंने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया है. उनकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं .
धरना, आंदोलन वाले यूट्यूबर
मनीष काफी अग्रेसिव रिपोर्टिंग करते हैं. वो आज बिहार के फेमस यूट्यूबर भी माने जाते हैं. 13 जुलाई 2018 को उन्होंने अपना ‘सच तक न्यूज़’ (Sach Tak News) के नाम से अपना यूट्यूब चैनल बनाया. इस यूट्यूब चैनल पर न्यूज़ कॉन्टेंट के अतिरिक्त स्क्रिप्टेड वीडियोज़ और मनीष के व्लॉग्स देखने को मिल जाएंगे. यूट्यूब चैनल पर 63 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. इंस्टाग्राम पर 1.16 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. 65 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स ट्विटर पर हैं, वो ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय रहते हैं.
पत्रकार होने का दावा करने वाले मनीष कश्यप का कई अपराध मामलों में रिकॉर्ड भी है. उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार उन पर कुल 6 मामले दर्ज हैं. इनमें गुट में इकठ्ठा होकर मारपीट, रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले भी हैं. कई बार मनीष को गिरफ्तार भी किया गया है. लेकिन अभी तक किसी मामले में सजा नहीं हुई है.
सैकड़ों वीडियो मनीष के ऐसे उपलब्ध हैं जिनमें वो बिहार के लोगों और बिहार की व्यवस्था के खिलाफ बोलते दिख रहे हैं. मिसाल के लिए, फरवरी में इसी साल बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की पुलिस ने सेना के एक जवान राधामोहन गिरी को मारपीट के बाद गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले में कार्रवाई की मांग हुई. इसे मनीष ने अपना समर्थन दिया और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. उनकी मांग ने तूल पकड़ा तो राधामोहन गिरी को रिहा किया गया और मामले से जुड़े पुलिसवालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गयी .
Manish Kashyap: पुलिस ने इस मामले में भी उन पर केस दर्ज किया था
साल 2019 में पश्चिमी चंपारण जिले में बने महारानी जानकी कुंवर अस्पताल के परिसर में किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया था. सोशल मीडिया पर तब मनीष ने इसके वीडियो और फोटोज़ शेयर किए थे और ‘राष्ट्रवाद’ के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन किया था. पुलिस ने इस मामले में भी उन पर केस दर्ज किया था.
अब मनीष कश्यप बिहारी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में विवादों में हैं. आईपीसी की उन पर कई धाराएं लगाई गई हैं. धारा 67, 153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1)(बी), 505(1)(सी), 468, 471 और धारा 120(बी). लेकिन मनीष कश्यप का कहना है कि उनसे पहले और कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स बिहारी मजदूरों की ‘पिटाई’ की खबर चला चुके थे. लेकिन पुलिस केवल मनीष को निशाना बना रही है. इसके लिए मनीष कश्यप बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को कोस रहे हैं.
मनीष के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट किया गया 8 मार्च को, इसमें लिखा था…
“चश्मा हटाकर तेजस्वी यादव जी इस फोटो को देखिए, मजदूरों के चेहरे पर घाव हैं. जिस मीडिया ने रिकॉर्डिंग की है उसका मोबाइल नंबर भी है. एक बार बात करके तो देखिए क्या पता आप झूठ बोल रहे हैं और मजदूर सच में तमिलनाडु में परेशान हों.”
मनीष का एक और वीडियो 8 मार्च को आया. 2025 के चुनाव को लेकर इसमें वो तेजस्वी यादव को चैलेंज कर रहे हैं और अपने पिता के सेना में होने की दुहाई दे रहे हैं. मनीष कश्यप कहा, “रेप करने वाला विधायक तो बिहार में घूमता फिर रहा है, आपकी पार्टी में है. न मैंने रेप किया है. मेरे ऊपर न CBI रेड हुई है, न ED, इनकम टैक्स को मुझे जवाब देना है. न ही मेरे बाबूजी जेल गए हैं. मेरे बाबूजी तो बॉर्डर पर हैं.”