India News

Ramcharitmanas Controversy: भड़के स्वामी प्रसाद मौर्य कहा- इन्हें ‘आतंकवादी कहा जाए या महाशैतान’

Ramcharitmanas Controversy: यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग करके...

Ramcharitmanas Controversy: यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग करके चौतरफा घिरे, एक बार फिर विवादित टिप्पणी की है. ट्वीट कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदार ने मेरी जीभ काटने और सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है. उन्होंने कहा कि अगर यही बात कोई और कहता तो यही धर्म के ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन महंतों, संतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए महाशैतान,आतंकवादी या जल्लाद.

आतंकवादी कहा जाए या महाशैतान: Ramcharitmanas Controversy

आपको बता दें कि, रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की तिरस्कार करते हुए अयोध्या के कई साधु-संतों और BJP व अन्य धार्मिक संगठनों ने बहुत समीक्षा की थी. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य को ‘लतखोर’ करार करते हुए कहा था कि वह पहले BJP में थे उसे भगा दिया गया.

वह इधर से उधर घूम रहा है. वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य को ओम प्रकाश राजभर ने विनाश काले विपरीत बुद्धि कहा था. इनके अलावा कई लोगों ने मौर्य की बहुत निंदा की थी. बता दें कि रायबरेली के BJP नेता करन सिंह ने एलान किया है कि उसे 5 लाख रुपये इनाम दिया जाएगा जो भी स्वामी प्रसाद की जुबान काटकर लाएगा.


रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के विधान परिषद सदस्य (Member Of Legislative Council ) ने रविवार को कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह पूरी तरह से धर्म नहीं है। यह ‘अधर्म’ है।” मौर्य ने कहा था, “रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।” मौर्य ने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं, उनपर रोक लगाया जाना चाहिए.

Show More

Related Articles

Back to top button