आसनसोल में ‘श्रद्धांजलि’ कार्यक्रम: संगीत के सुरों में गूंजेगी छः महान कलाकारों की विरासत

आसनसोल में ‘श्रद्धांजलि’ कार्यक्रम: संगीत के सुरों में गूंजेगी छः महान कलाकारों की विरासत

आसनसोल में ‘श्रद्धांजलि’ कार्यक्रम: संगीत के सुरों में गूंजेगी छः महान कलाकारों की विरासत

आसनसोल के प्रतिष्ठित रविंद्र भवन में शनिवार से दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘श्रद्धांजलि’ का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना और संस्कृति विभाग द्वारा किया गया है, जिसमें सहयोगी भूमिका निभा रहा है आसनसोल सांस्कृतिक मंच। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य भारतीय संगीत के छह महान कलाकार—हेमंत मुखोपाध्याय, मानना डे, किशोर कुमार, सचिन देव (एस डी) बर्मन, राहुल देव (आर डी) बर्मन और लता मंगेशकर—को सम्मानित करना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन शनिवार शाम को हुआ, जिसमें कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने हिस्सा लिया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में पश्चिम बंगाल के कानून और श्रम मंत्री मलय घटक, पश्चिम बर्धमान जिले के जिलाधिकारी एस. पोन्नंबलम, आसनसोल के सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) विश्वजीत भट्टाचार्य, पश्चिम बर्धमान जिला परिषद के सभापति विश्वनाथ बाउरी, सह-सभापति विष्णु देव नुनिया, और आसनसोल नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य गुरु दास (रॉकेट) चट्टोपाध्याय शामिल थे। इन सभी गणमान्य व्यक्तियों ने महान संगीतकारों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम के पहले दिन, शनिवार की शाम को कोलकाता के कलाकारों ने हेमंत मुखोपाध्याय, मानना डे, और किशोर कुमार के गीतों को प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सुरों की मिठास और संगीत की गहराई से दर्शकों ने इन दिग्गज कलाकारों की विरासत को महसूस किया। रविंद्र भवन का माहौल संगीत की स्वरलहरियों से गूंज उठा, जिससे उपस्थित श्रोताओं को एक भावनात्मक और संगीतमय यात्रा का अनुभव हुआ।

रविवार की शाम को कार्यक्रम के अंतिम दिन लता मंगेशकर, सचिन देव बर्मन और राहुल देव बर्मन को संगीत के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस खास मौके पर प्रसिद्ध गायक शिवाजी चट्टोपाध्याय, अरुंधति होम चौधरी, इंद्रनील सेन, और गौतम घोष सहित अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से संगीतमय शाम को और भी यादगार बनाएंगे।

इस आयोजन के जरिए संगीत प्रेमियों को भारतीय संगीत के महानतम कलाकारों को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है। दो दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम न केवल इन कलाकारों के अविस्मरणीय योगदान को संजोने का प्रयास है, बल्कि भारतीय संगीत की समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। ‘श्रद्धांजलि’ के जरिये संगीत के इन अनमोल सितारों को सदैव याद रखा जाएगा, जिनका सुरों की दुनिया में योगदान अनमोल है।