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Turkiye-Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा नौ हजार के पार

Turkiye-Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा नौ हजार के पार पहुंच गया है। करीब 50 हजार से ज्यादा...

Turkiye-Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा नौ हजार के पार पहुंच गया है। करीब 50 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में लगातार इजाफा जारी है। बड़ी तादात में लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। इस बीच, तुर्किये में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा नौ हजार के पार: Turkiye-Syria Earthquake

यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, तुर्किये के नूरदगी शहर में ये भूकंप महसूस हुआ है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने तुर्की की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। मेडिकल टीम भी है। हजारों की संख्या में अभी भी लोग मलबे के नीचे मौत से जंग लड़ रहे हैं। इन्हें रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। रातभर लोग अपनों की तलाश करते रहे। हाथों से मिट्टी हटाते रहे। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोग जिंदा हो सकते हैं, यही कारण है कि रेस्क्यू टीम को भी काफी संभलकर काम करना पड़ रहा है। इस बीच, भूकंप के कहर की कुछ ऐसी कहानियां सामने आईं, जिसे सुनकर हर किसी का दिल भर आया। आइए एक-एक करके उन कहानियों को जानते हैं.

पहली खबर सीरिया की है जहां दो बच्चों का वीडियो वायरल

पहली खबर सीरिया की है जहां दो बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है दोनो बच्चे भाई बहन है बहन भूकंप के दौरान बडी बहन ने छोटे भाई को बचाने के लिए खुद को दीवार की तरफ कर दिया और छोटे भाई को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की । हांलांकि दोनो ही बच्चो को सही सलामत बचा लिया गया है ।

मलवे में दबी ऐसी अनेक ही सच्ची कहानियां सामने आ रही है जो काफी मार्मिक और दिल दहला देने वाली है. एक और बच्चे का वीडियो भी सामने आया है जिसमें लाल रंग का टी-शर्ट पहने लड़का मलबे के नीचे फंसा हुआ था। वीडियो बनाते हुए वह कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि मैं नहीं जानता कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं और कैसे बयान करूं। मुझे ये भी नहीं पता कि मैं जिंदा रहूंगा भी या नहीं। तभी पीछे से एक और आवाज सुनाई देती है। आगे बच्चा बताता है कि यहां दो से तीन परिवार फंसे हुए हैं। ईश्वर हमारी मदद करें।

Turkiye-Syria Earthquake: तीसरा मामला भी सीरिया का है

यहां मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा।

तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे बाहर निकाला गया। मलबा पूरी तरह से हटाया गया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है। खलील के अनुसार, उनकी भाभी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे मे उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया और खुद जान गवां बैठी। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

सीरियाई शहर राजो की एक जेल से इस्लामिक स्टेट के 20 से ज्यादा आतंकी भाग गए

जब पूरा सीरिया भीषण भूकंप की मार झेल रहा था उस समय तुर्किये-सीरिया सीमा पर स्थित सीरियाई शहर राजो की एक जेल से इस्लामिक स्टेट के 20 से ज्यादा आतंकी भाग गए। फरार होने से पहले जेल कैदियों और सुरक्षकर्मियों के बीच संघर्ष हुआ था और कैदियों ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, इसके बाद सैकड़ों कैदी भाग गए। सीरिया और तुर्की में स्थिति गंभीर है , हजारों धराशायी इमारतों के मलबे में दबे दस हजार से भी अधिक लोगों की टूटती सांसो के लिए हर बीत रहा पल बेशकीमती है। इन टूटती सांसों को जिंदगी देने में जुटे बचावकर्मी जीजान से कोशिश कर रहे हैं।

बर्फीली रात में सैकड़ों बचावकर्मी हाथों से भी मलबा हटाकर लोगों की तलाश में जुटे रहे हैं। तुर्की और सारिया में स्थानीय और विदेशी बचाव दल शून्य से नीचे के तापपमान के बीच ढही टनों वजनी छतों और दीवारों में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए समय से संघर्ष कर रहे हैं।आशंका है कि आने वाले दिनों में मलबे साफ होने के साथ मौत का आंकड़ा दसियों हजार में हो सकता है। कई हजार लोगों का तो पता ही नहीं है, जो नींद में ही मौत की नींद सो गए। मलबा साफ होने के साथ बच्चों और अन्य परिवारीजनों के शव निकलते देखना दिल तोड़ देता है। एपिसेंटर के करीब बसे मालट्या में 5 लाख लोग रहते हैं। इलाके में कई सौ इमारतें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं। वहीं, मलबे पर बर्फबारी के कारण बचाव कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है।

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